Sunday, November 14, 2010

अथ श्री सुदर्शन जी !! ----- सुनील अमर

महत्वाकांक्षा कितनी ख़राब चीज है, इसे अपने देश के सठियाये और कब्र में पैर लटकाए नेताओं को देख कर जाना जा सकता है. पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन ने भी वही किया है जो इसके पहले संघ ब्रिगांड भैरव सिंह शेखावत, कल्याण सिंह, उमा भारती, जसवंत सिंह और किन्हीं अर्थों में लौह पुरुष भी एक समय में कर चुके हैं. और तो और, कभी संघ के थिंक टैंक रहे (और अब दूध की मक्खी!) गोविन्दाचार्य भी ऐसे काफी काम कर चुके हैं जो संघ की निगाह में उसके लिए नुकसानदेह थे. सुदर्शन संघ जैसे ताकतवर संगठन के प्रमुख रहकर जो रुतबा और हनक भोग चुके हैं, उसकी ललक मन से आसानी से जाती नहीं है.बुढ्ढे हो गए, लेकिन देख रहे है कि उनसे भी ज्यादा बुढ्ढे अभी संगठन में मलाईदार पदों पर काबिज हैं, तो खीज होनी स्वाभाविक ही है.ग़ालिब ने यही तो कहा है कि--'' गो हाथ में जुम्बिश नहीं, आँखों में तो दम है. रहने दो अभी सागरो-मीना मेरे आगे !'' अटल बिहारी बाजपेयी को कितने दिनों से आपने देखा-सुना नहीं है? उनकी स्मरण-शक्ति ख़त्म बताई जाती है, वे अब घर से निकलने की स्थिति में भी नहीं हैं लेकिन वे भी भाजपा में शीर्ष पदाधिकारी हैं इन दिनों!
ऐसा नहीं है कि सुदर्शन ने किसी सनक में बयान जारी कर दिया है! बयान जारी करते ही उनकी उम्र बीती है.कैसा असर पाने के लिए कैसा बयान जारी करना चाहिए,ये उनसे बेहतर तो भागवत भी नहीं जानते होंगे! और बात जब सोनिया जैसी महिला की हो, तो सुदर्शन का बयान तो संघ का स्टैंड ही माना जाना चाहिए ! आखिर इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी औए सुषमा स्वराज आदि यही सब तो कह कर हटे हैं !सुषमा तो अपनी सुन्दरता और अपने धर्म की परवाह किये बगैर ही सर घुटाने तक की शर्त लगा चुकी थीं !
एक मुद्दत हो गयी थी सुदर्शन को लाईम-लाईट से लापता हुए.आखिर कब तक वे गुमनामी बाबा बनकर रहते? अब उनके लाइट में आने से संघ को तकलीफ होती है तो उनकी बला से ! सुदर्शन अगर कभी दुष्यंत को पढ़े होंगें तो मन ही मन गुनगुना रहे होंगें -- '' हर तरफ ऐतराज होता है, जब भी मैं रौशनी में आता हूँ !''

4 comments:

  1. shandar, dil khush kar diya aapne....yahi hakikat hai...

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  2. शुक्रिया संजीत जी ,
    '' मेरे सीने में नहीं, तो तेरे सीने में सही,
    हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए !'

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  3. ' मेरे सीने में नहीं, तो तेरे सीने में सही,
    हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए !'
    बिलकुल जल रही है जी ,
    आपका हर लेख बेहतरीन तथा निष्पक्ष लेख है
    dabirnews.blogspot.com

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  4. Tausif bhai, hausala-afjayi ke liye shukriya.

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