Friday, March 25, 2011

ईमानदारों का भ्रष्टाचार--- सुनील अमर

वर्ष 1996 से लेकर अभी तक, देश को ऐसे प्रधानमंत्री मिले जिनकी योग्यता और ईमानदारी का समूचा विश्व कायल रहा है। जिस वक्त देश स्व. नरसिम्हाराव के शासनकाल की अभूतपूर्व राजनीतिक गिरावट से लज्जित और चिंतित था, श्री अटल बिहारी वाजपेयी के आगमन ने जबर्दस्त आशा का संचार किया था। कालान्तर में विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सरदार मनमोहन सिंह ने देश की बागडोर संभाली। लेकिन इस बीते डेढ़ दशक की समयावधि ने शायद ही ऐसी कोई गिरावट, भ्रष्टाचार और नैतिक पतन को बाकी छोड़ा हो, जो देश में घटित न हो गया हो! ऐसे में क्या यह उम्मीद अभी बाॅधी जानी चाहिए कि कोई अगला ईमानदार प्रधानमंत्री इन कालिखांे को पोंछ कर हममें नए हौसले जगाएगा?

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