दोस्तों ,
समाज में व्याप्त असमानता ,अज्ञानता ,कुरीतियों तथा अन्धविश्वाश के खिलाफ यह एक नयी जंग है , एक नया मोर्चा है .आप जहाँ भी हैं वहीँ से यह लडाई शुरू कर सकते हैं। लोगों के बीच बैठ कर , बात कर , लिख कर , काम कर आप जंग लड़ सकते हैं । यह सोचने में कठिन लगता है करने में बिलकुल नहीं । आज ही बल्कि अभी से इसे शुरू करके देखें । अच्छा लगेगा । बहुत सुकून मिलेगा आपको । दुष्यंत ने यही तो कहा है -" ......एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो ।" बहरहाल ....मिलते रहिये सुनील अमर से --पढ़ते रहिये नयामोर्चा ।
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प्रशंसनीय ।
ReplyDeleteनयी पोस्ट डालें ।